“मतलबी बाजार में एक लड़का है मोहब्बत नाम का, उससे हम जैसा जुड़ाव हुआ….. दरमियान हमारे जाने क्या हुआ मसला…. उसे खोना था तो खोया…. बल्कि मैं अपनी खुदी भी खो बैठी।”

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Shachi

मैं शब्दों से घबराती हूँ ।

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